देश को अंध विश्वास से कौन बचायेगा ? श्रवण कुमार शर्मा

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मानव संसाधन मंत्री स्मृति ईरानी राजस्थान में एक ज्योतिषी के पास पहुंची तो टेलिविजन और प्रिन्ट मीडिया के कुछ लोगों ने बड़ा बवाल मचाया ,लोगों का बड़ा आश्चर्य  हुआ कि  आखिर  मीडिया  को क्या हो गया है और वैज्ञानिक  सोच की चिन्ता  मीडिया को कब से हो गयी ? खैर . उसका  कारण तो अब स्पष्ट होने लगा है कि अमेठी से चुनाव लड़ने के दुस्साहस  का  कु छ  तो फ़ल मिलेगा ही . हिंदी और अंग्रेजी  के दैनिक समाचार पत्रों  और पत्रिकाओं  में राशि फ़ल  तो हम लोग बचपन  से पढते  चले  आ रहें  हैं , पर जब से टेलीविजन आये हैं,ज्योतिषियों और बाबाओंकी चांदी  हो गयी  है . चैनल्स  पर दोपहर  और रात का समय,  विज्ञापन द्वारा ,इन लोगों  के लिए लगभग  सभी हिंदी चैनल्स पर आरक्षित  है. ये कार्यक्रम  ADV./PROMOTION के रूप  में दिखाएँ जाते हैं  जो  कहीं कोने पर लिखा रहता है  ,पर दर्शक  समझता  है कि  कार्यक्रम  चैनल  का ही है.निर्मल बाबा से तो आप भली भांति  परिचित होंगे , जिनका दरबार रोज दोपहर  में सजता  है  और मूर्ख  किस्म के भक्त गण हाथ जोड़ कर बाबा की कृपा की याचना  करते  है और कभी समोसा  तो कभी बर्गर  में से दया प्रकट  होती है , पूरा  जमावड़ा  किसी  कोमिक  की तरह नज़र  आता है . एक समय चैनल्स  उनकी  बड़ी मजाक  बनाई थी,पर  अब सब उनके प्रोग्राम  दे रहें  हैं. नमूने देखिये —– यह NEWS 24  है, वशिष्ठ  गुरु जी  ज्योतिष ग्यान  दे रहे  हैं, यदि व्यवसाय  में में आप का पैसा वापस नहीं लोटता  है  तो अनार  की कटोरी वाला उपाय कीजिये , किसी  एक मामले में बता रहें हैं कि काले भैंसे  के साथ  पूरा दिन गुजारिये, दो महिलाएं  बैठा रखीं  है, उनमें  से एक बोल रही हैं  कि  यही गुरूजी की विशेषता है कि वे हर बात का वैज्ञानिक आधार बताते हैं. वाह रे हमारा विग्यान? अगले  चैनल  पर  फैमली गुरु की  helpline  पर एक महिला बैठी हैं  और समस्यों  के उपाय  बता रहीं हैं.उपाय  आप स्वय  सुनेंगें  तो आनंद  अवश्य आएगा, जिंदगी  कितनी सरल  है , बेकार ही  मोदीजी  परेशां  हैं ,  फैमिली  गुरु से बात क्यों नही  करते. सुदर्शन  पर भी अच्छे से दिखने वाले  पंडितजी शुभ टीका लगा कर बैठे हैं, कंप्यूटर भी है , महिला  भी हैं, रत्न  विग्यान  चल रहा है. आयुर्वेदिक  और अन्य प्रकार की दवाएं  बेचने वाले  अनेक प्रोग्राम  चल  रहें हैं , कु छ ठीक भी हो सकते हैं INDIA न्यूज़ पर  एक कथित  स्वामी जी बैठें हैं, जिनकी  वेशभूषा शादी  के दूल्हे  से मिलती  है , कढाईदार  काली शेरवानी  और उसपर  एक कलगी , जिसमें हीरा भी लगा हो सकता है. ५२५  रूपयें  में एक दवाई  बेचते  हैं, और आभामंडल  चमकाने  और RAYS की बातें करते हैं, साथ में जो महिला बैठी हैं वे हर बार लड़की के दुबली पतली  होने का सवाल उठाती हैं , काली वेशभूषा  वाले स्वामीजी  PERFECT FIGURE की बाते  करते  हैं, बशर्ते  आप दवाई  आज हीमंगा लें .आस्थाओं के नाम पर चल रहे इस अन्धविश्वास  को फ़ैलाने  में मीडिया  की इस भूमिका पर कौन सवाल उठायेगा?

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