अवैध कालोनाइजर फिर सक्रिय

Galgotias Ad

अवैध कालोनाइजर फिर सक्रिय

Lokesh Goswami

कालोनाइजर अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहे हैं। प्राधिकरण ने कुछ दिन पूर्व बड़े पैमाने पर कार्रवाई कर कई अवैध कालोनियों को ध्वस्त कर कालोनाइजरों की कमर तोड़ी थी। एक माह तक कालोनाइजर चुप्पी भी साधे रहे। लेकिन जैसे ही प्राधिकरण की कार्रवाई रुकी है, वैसी ही कालोनाइजर फिर से सिर उठाने लगे हैं।

ग्रेटर नोएडा और यमुना प्राधिकरण क्षेत्र में बड़ी संख्या में कालोनलाइजर सक्रिय हैं। वे गांवों के नजदीक अधिसूचित जमीन को खरीदकर उस पर प्लाटिंग करते हैं। दरअसल, अधिसूचित क्षेत्र की जमीन के अभिलेखों में किसानों के नाम ही दर्ज रहते हैं। राजस्व अभिलेखों से तभी किसानों के नाम हटाए जाते हैं, जब अधिग्रहण के बाद मुआवजा बांट दिया जाता है। इसी का कालोनाइजर फायदा उठाते हैं। वह नियमों से अनजान लोगों को जमीन के खसरा-खतौनी में किसानों के नाम दिखाकर उन्हें झांसे में फंसा लेते हैं।

आशियाने की चाहत खीच ले जाती है अवैध कालोनिलयों तक

दरअसल, प्राधिकरण द्वारा आवंटित भूखंडों की दरें शहर में आसमान छू रही हैं। नौकरीपेशा के पास इतना धन नहीं होता, जिससे वह प्राधिकरण द्वारा आवंटित भूखंडों को दोबारा खरीद सके। शहर में आशियाना बनाने की चाहत में वह अवैध कालोनियों की तरफ रूख कर लेते हैं।

दस हजार रुपये प्रति वर्ग मीटर की दर से बेच रहे हैं भूखंड

नोएडा से सटे गांव जलपुरा, हैबतपुर, साबेरी, चक साबेरी, कुलेसरा व गाजियाबाद की सीमा से सटे गांव चिपियाना बुजुर्ग, चिपियाना खुर्द, छपरौला, धर्मपुरा खेड़ा आदि में दस हजार रुपये प्रति वर्ग मीटर तक भूखंड बेचे जा रहे हैं। दादरी जीटी रोड के किनारे के डेरी मच्छा, डेरी स्कनर, धूम मानिकपुर, कूड़ा खेड़ा, रूपवास आदि में आठ हजार रुपये प्रति वर्ग मीटर तक की दरों पर भूखंड बेचकर लोगों को ठगा जा रहा है।

इन गांवों में काटी जा रही है अवैध कालोनी

यमुना एक्सप्रेस वे के किनारे के मुरस्दपुर, घरबरा, जगनपुर अफजलपुर दनकौर, बिलासपुर, ग्रेटर नोएडा के देवला, सूरजपुर नोएडा के मामनाथलपुर, तिलवाड़ा, सफीपुर आदि गांवों में भी अवैध कालोनी काटने का गोरखधंधा चल रहा है।

अवैध कालोनियों को ध्वस्त करने की कार्रवाई फिर से शुरू होगी। किसी भी कालोनी को छोड़ा नहीं जाएगा। कालोनाइजरों के चिन्हित कर उनके खिलाफ थानों में मामले दर्ज कराए जाएंगे।

हरीश कुमार वर्मा, एसीईओ, ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ।

Comments are closed.